आज के फैशन और शुरुआती फैशन के बीच अंतर Difference between today's fashion and earliest fashion

 

  Today's fashion & earliest fashion 


आज के फैशन और शुरुआती फैशन के बीच अंतर।  Difference between today's fashion and earliest fashion ?


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फैशन ऐसी प्रक्रिया है। जो चक्र के तरह घुमता रहता है । फैशन शुरू से लेकर अब तक जितने भी पहनावे देखने को मिल रहे हैं फैशन चक्र की तरह घूम फिर के बाजार में लोगों के सम्मुख प्रस्तुत करते है नए रूप में। फैशन हर समय बदलता रहता है। बात रहा आज की फैशन व शुरुआती फैशन के बीच अंतर जानना । 

शुरुआती फैशन वह फैशन है। जो सभ्यता व संस्कृति से परिपूर्ण होता है । और आज के फैशन में लज्जा हीन फुहड़ता देखने को मिलता है। आज हम इस आर्टिकल में आज के फैशन शुरुआती फैशन के बारे में जानेंगे। 

आज के फैशन व शुरुआती फैशन के बीच बहुत से अंतर देखने को मिलते हैं सभ्यता के विकास के साथ साथ फैशन में भी आश्चर्यजनक परिवर्तन होते हुए। यह परिवर्तन और फैशन 400 B.C (before Christ)  से माना जाता है। तथा 12वीं सदी से ही फैशन की अच्छी शुरुआत हुई । उस युग से ही प्राचीनतम वस्त्र विज्ञान की धारा में एक परिवर्तन हुआ जिसे मध्यकालीन युग के फैशन में एक नई शुरुआत मानी जाती है। इससे पहले लोग फैशन कपड़ों से ज्यादा पेड़ पत्तों के पहनावे से दिखाते थे धीरे-धीरे परिवर्तन होता गया और फैशन नए-नए रूप लेते गए। देखा जाए तो मध्यकालीन युग के फैशन में एक नई शुरुआत मानी जाती है उस काल में स्त्री पुरुष ही डबल ट्यूनिक पोशाक समीज जिसकी लंबी बाजू तथा हाई नेक पहना करते थे। साथ ही उन्हें ओवर ट्यूनिक भी होती थी जिसकी बाजूए ढीली होती थी जिसका प्रयोग सर्दी के मौसम में किया जाता था। 

उसके बाद फैशन के तौर-तरीके दिन पर दिन बढ़ता गया और पहनावे में परिवर्तन होता गया 12वीं सदी में एक खास तरह से fine fabric पूर्वी देशों से आई थी, उसी से यूरोप में बहुत ऊंचे स्तर elegant पोशाके बनाई जाने लगी । फैशन की शुरुआत मध्यकाल से हुई इससे पहले कि सदी में लोग पत्ते व कपड़े का उपयोग बस शरीर पर लपेटने के लिए करते थे आज हम फैशन और कपड़े की इतिहास पर रोशनी डालते हैं कि किस काल में किसने कौन सी चीज को चालू किया और किस काम में तरक्की की जो इस प्रकार है। 

1. आर्य काल 

2. मध्यकाल

3. मुगल काल

4. ब्रिटिश काल

5. आधुनिक काल

अब हम जानेंगे शुरू से लेकर अब तक के फैशन में परिवर्तन और अंतर के बारे में कि किस तरह से शुरुआती फैशन और आज के फैशन में अंतर देखने को मिले। 

1. आर्यकाल :-   संसार के बनने से पहले यह धरती एक आग का गोला था दूसरी जो चीज दिखाई देती थी वह सिर्फ पानी था। जब आदमी जाति की शुरुआत हुई तो लोग नंगे ही फिरते थे। यही नहीं फिर धीरे-धीरे वही आदमी दिमाग का इस्तेमाल करने लगा बीज का पता लगाने, जिसको बीज कर समय अनुसार उसमें से एक मोटी तार निकाली जा सके जिससे कपड़ा तैयार होने लगा। इसी प्रकार और प्रगति हुई जिससे इंसान ने रेशम के कीड़े पालकर रेशम तैयार किया। इस युग में बहुत उन्नति हुई इस युग में धोती पहनने का रिवाज था, अंगिया भी डाली जाती थीं। इस युग में कपड़े सिलाई होने शुरू हुए इस काल को राम और कृष्ण का युग भी कहा जाता है। उनकी मूर्तियां अथवा पुरानी शिलाओ से पता लगता है कि आदमी सिर्फ धोती पहनकर अपने शरीर को ढक लेते थे और स्त्रियां धोती के साथ अंगिया पहनती थी। इसलिए इस काल में फैशन का कोई खास प्रचार नहीं हुआ। धोती और अंगिया ही डाली जाती थी जो बिना सिलाई के पहनी जाती थी अंगिया भी एक छोटी सी पट्टी लेकर छाती के अगले हिस्से खोलकर और पिछली तरफ उसी कपड़े को गांठ लगा दी जाती थी। 


2. मध्यकाल (Medieval period) :--



इस काल को स्वर्ण युग या सोने का युग कहा जाता है इस युग को उन्नति का युग कहा जाता है इसमें पूरातनता को सामने रखते हुए नयापन पैदा किया गया । यही युग है जिसमें मनुष्य ने जीना सिखा  सभ्यता की ओर कदम बढ़ाएं और बनाने के लिए भी कपड़ा अच्छा डालने लगा अधिकतर लोग चोला ही पहनते थे या लंबे-लंबे चोगा । अंगरक्खा पट्टीयों का बना होता था। यह वह ड्रेस है जो आज तक लोग राजस्थान में डालते हैं। नेपाली लोग तो बहुत ही इस प्रकार की ड्रेस पहनते हैं इस ड्रेस की अंदाजे से ही सिलाई की जाती थी। आर्य लोग बिना सिलाई के कपड़े डालते थे परंतु यह पट्टीयों को हाथ से ही जोड़कर और चोला भी सीधे डालकर बनाया जाता था। कपड़े अंदाजे से ही काट लिए जाते थे और सिर्फ शरीर ढकने लग पड़े थे। फिटिंग का सवाल ही पैदा नहीं होता था। जिस प्रकार का कपड़ा तैयार हुआ उसी तरह का ही अच्छा लगने लग जाता था। परंतु इस युग में उन्नति बहुत हुई। कढ़ाई भी थोड़ी बहुत इसी युग में चली इस प्रकार इस युग को स्वर्ण युग कहा जाता है इससे आगे चलकर भी इस काल में बहुत उन्नति हुई। 

3. मुगल काल ( Mughal period) :- - 



1627 ई. मैं मुगलों का आगमन हुआ यह लोग ईरान और अफगानिस्तान से होते हुए पंजाब आए ठंडे देश के रहने वाले थे इसलिए यह लोग चूड़ीदार पजामा से ढींगरी कट पजामा, बंद गले का कुर्ता प्रयोग करते थें। महिलाएं भी बुर्का पहनती थीं। इसका पंजाब के लोगों पर भी असर पड़ा ऊपर का बुर्का नहीं लिया परंतु बाकी कमीज सलवार की ड्रेस जरूर ले ली। ऊपर दुपट्टा लेने लगे। मुसलमान तो चाहे बुर्के में से निकलकर बेल बाटम और शर्ट पर आ गए, परंतु पंजाब में तो अभी भी लड़कियों को विशेषकर गांव के लोग सिर के ऊपर अच्छी तरह चुन्नी ओढ़नी लेने को कहते हैं। इनके आने से ही परदे की रस्मे शुरू हुई। मुगलों कपड़ा पहनना अच्छी तरह जानते थे वह तंग पजामी और खुला कुर्ता शौक से पहनते थे। इस युग में भी इन पर गिरह का पता नहीं था फिर भी अंदाजे से फिटिंग रखी जाती थी। मुगल काल में बहुत उन्नति हुई। मुगल काल में सोने का प्रचार पहले से ही शुरु था और इन लोगों के कपड़ों पर सोने का बटन लगाए जाने लगे। वैसे तो यह सब कुछ स्वर्ण युग में हुआ। पर इस युग में सोने चांदी के तारों से कढ़ाई होने लगी सलमा तिल्ले का इस्तेमाल होने लगा। उनकी पोशाक के ऊपर सलमे और तिल्ले का प्रयोग किया जाने लगा। लोग कुर्ते कढ़ाई किए हुए या बंद गले की शेरवानी पहन कर और मुंह में पान रखना ही शान समझते थे। उस समय से ही यह मलमल चली थी जिसको कहा जाता है कि एक अंगूठी में से पूरा पूरा थान निकल जाता था। इससे  यह तात्पर्य यह है कि बहुत बारीक कपड़ा बना। इसको ढाके की मलमल भी कहा जाता है इस काल में लोग कपड़ा बनाना सीख गए थे और सिलाई किया हुआ और कढ़ाई किया हुआ कपड़ा पहनते थे। इस साल से लोगों ने कढ़ाई सिलाई सीखी । 

4. अंग्रेजों का काल (British period) :--  



अंग्रेज लोग सबसे पहले भारत में व्यापार करने आए थे उस समय मुगलों का पूरा बोलबाला था उस समय अंग्रेजों ने 1600 ई. में East India Company की स्थापना की। उस समय अंग्रेजों ने कारखानों में अपने मजदूर रखे जो पराया भारतवासी ही थे । इन वर्दीयो को इंग्लैंड से बनाकर लाया करते थे। ड्रेस डालकर भी बहुत चुस्त दिखाई देते थे प्रत्येक भारतीय जो उनका नौकर था वर्दी डालने पर मजबूर था। परंतु बाद में यह उनका शौक बन गया। वर्दियां डालकर कहीं आना जाना अपनी शान समझने लगे और यही शान उनका फैशन बन गया तथा प्रत्येक हिंदुस्तानी अंग्रेज बनने की कोशिश करने लगा। यदि देखा जाए तो फैशन की अच्छी प्रकार से शुरुआत अंग्रेज के जमाने में हुई। यह वह युग आ गया था जो हाथ से सिलाई ना कर के मशीन से काम शुरू हो गया था तब सिलाई होने लगी जब अंग्रेजों द्वारा सिलाई की मशीन भारत में लाई गई। इन मशीनों को लेकर आने से अंग्रेजों को दो लाभ हुए एक तो यह मशीनों की बिक्री बहुत हुई दूसरा उनका समय बहुत बच गया क्योंकि पहले उनको इंग्लैंड जाकर कपड़े लाने पड़ते थे और अब भारत में ही रेडीमेड कपड़े लेने लगे। वह जमाना आ गया था कि दिनों का काम एक दिन में होने लगा और दिन का काम घंटों में होने लगा हाथ से वह सफाई नहीं आ सकती जो मशीन से आती है। अंग्रेजों की ड्रेस में बहुत फर्क था जबकि पहले कोई भी पैंट शर्ट नहीं पहनता था। अंग्रेजों ने ही हर एक को पैंट डालना सिखा दिया। अंग्रेजों की पोशाक कोट, पेंट, कमीजे, हाफ कोट, हाफ पेंट आदि थी और औरतों की ड्रेस भी वही थी। परंतु भारत में औरतों ने एक ड्रेस पहले परदे की ले ली थी और अंग्रेजों की ड्रेस का औरतों पर कोई असर नहीं पड़ा। आदमी भी अंग्रेजों के दफ्तरों में काम करते थे , इस तरह करके उन पर ड्रेस का असर बहुत बढ़ गया और आज तक अंग्रेजों की देन प्रत्येक भारतीय पाकर खुश होता है। सिर्फ कपड़े का ही असर नहीं हुआ बल्कि कपड़े को एक नया रूप दिया जाने लगा। हर कोई कपड़े की फिटिंग करके डालने लगा। कई बड़े घरों की लड़कियां भी स्कर्ट और पेंट डालती थीं इस युग में अनुमान से काम नहीं लिया जाता था इंची टेप चल पड़ा था और गिरह का रिवाज कम हो गया था। इसलिए अब हम यह कह सकते हैं कि साइंस की उन्नति के साथ-साथ उद्योग में भी बहुत उन्नति हुई और सिलाई में बहुत उन्नति हुई । अब हम कह सकते हैं कि कटाई सिलाई फिटिंग और फैशन की जो तरक्की अंग्रेजों के काल में हुई वह किसी काल में भी नहीं हुई। आज भी कपड़े के डिजाइन और कटिंग के वास्तविक फार्मूले दिखने के लिए इंग्लैंड से किताबें मंगवाते हैं और उन पर ही अमल करके अंग्रेज कल आने की पूरी पूरी उम्मीद रखते हैं। 

5. आधुनिक काल (Modern period)  :- 



आधुनिक काल वह काल है जो अब के समय में लोग फैशन को अपनाते हैं। देश को पूर्ण आजादी 15 अगस्त 1947 को मिली। आजादी के साथ-साथ प्रत्येक समुदाय को अपने dress डालने  की आजादी मिली है। ये Fundamental rights है कि कोई भी कपड़ा डाली जाए किसी प्रकार की भी जिंदगी जिए, परंतु आजादी के साथ साथ अंग्रेजों की ड्रेस में भारत के dress का भी हिस्सा पाया गया अर्थात शुद्ध अंग्रेजी ड्रेस नहीं डालते। यह देखने में आया है कि आजादी के बाद प्रत्येक को आजादी मिली तो नयेपन की जगह पुरानेपन ने ज्यादा पैर रखा। प्रत्येक ने अपने पूर्वजों के पद चिन्हों पर ध्यान दिया औरतें साड़ी ब्लाउज और मर्द धोती कुर्ता पहनते थे। ऐसे ही करके यह ड्रेस हिंदुस्तानी ड्रेस बन गई। परंतु हमारे नेशनल ड्रेस खादी की है, जो हमारे देश में हाथ की खड्डी से बनाई जाती है। विशेषकर नेताओं की ड्रेस खद्दर अथवा खादी की है, चाहे खद्दर डिपो का खद्दर नहीं होता और कम से कम ₹200 मीटर का खद्दर है। फिर भी वे सादगी नजर  आते हैं। देश आजाद होने के बाद खद्दर गांधीजी ने चलाया था, वह हाथ का बना खद्दर होता था और उन्होंने आम जनता जैसा ही खद्दर डाला। परंतु आज खद्दर बहुत superior quality का बनने लग पड़ा है और वह खद्दर तो नाम का खद्दर ही है। इस खद्दर की गांधी टोपी, जवाहर जैकेट यह सभी नेशनल ड्रेस में आते हैं। खद्दर वास्तव में ही एक ऐसी ड्रेस है जिससे प्रत्येक इंसान अच्छा लगता है। आज हर प्रकार की शीघ्र से शीघ्र बनने वाले ड्रेस की प्रबंध हो चुके हैं। परंतु यह ध्यान देने योग्य बातें हैं कि Golden period मैं ड्रेस असली बनने लगी और वह असली ही आज नकली रूप लेकर सुंदरता का उभार बन चुकी है। आज चाहे देश प्रगति पर है परंतु कोई भी असली चीज नहीं है। बाल की खाल उतारी जाती है और नई से नई नकली चीज बनाई जाती है। देखा जाए तो प्रत्येक मनुष्य के कपड़ों को देखकर ही अंदाजा लगा लिया जाता है कि यह कितने पानी में है। ड्रेस से ही इंसान की स्मार्टनेस का पता चलता है। आज वही भारत है जिसकी चप्पे-चप्पे पर ऑटोमेटिक मशीन का प्रयोग किया जाता है परंतु आज प्रत्येक मनुष्य पुराने ख्यालों को छोड़कर नवीनता प्राप्त करने की कोशिश करता है। यह सब जो नया निकाला जाता है किसी न किसी जमाने की देन होती है। वर्तमान युग में यदि छोटे बच्चे के कपड़ों की ओर ध्यान दें तो यह विभिन्न प्रकार के तैयार रेडीमेड ऋतु के अनुसार मिलते हैं सर्दियों के गर्म सूट, जीन सूट, सफारी सूट, खिलाड़ी सूट और ऊनी कई प्रकार के सूट। जो लड़कियां अथवा बच्चियां है उनके लिए कई प्रकार की स्कर्ट , मैक्सी और फ्रॉके आदि । स्त्रियों और नौजवान लड़कियों में जहां फैशन की दौड़ है , वहां हमारे नौजवान लड़के और आदमी भी इस दौड़ में पीछे नहीं है। वह भी नए  डिजाइन के extraordinary कपड़े डालने में अपनी शान समझते हैं। नई डिजाइन की कपड़ों में फैंसी मैचिंग कपड़े फूल एवं बेल बूटे, वाले कपड़े और अन्य 'A' cut फैंसी कपड़े, हैं। इन पर कई प्रकार के बेल बूटे कढ़ाईया अलग-अलग प्रकार के डिजाइन बनाए जाते हैं ताकि इनको डालकर वे अपनी बनावट को और आकर्षक बना सके। इस समय भारतीय कपड़े और डिजाइन इतनी तरक्की कर चुकी है कि उनकी मांग इंटरनेशनल स्तर तक पहुंच चुकी है भारतीय ड्रेस और सिलाई की हर एक स्तर पर शान और कीमत है। 



देखा जाए तो आज के फैशन में औरतों की टांगों का खुला प्रदर्शन फैशन में आ गया है इस समय मैचिंग का बहुत प्रचलन हो गया है। जूते व कपड़ों के रंग एक जैसे लिए जाने लगे है। 21वीं सदी जो कि आज चल रही है इस समय मिनी स्कर्ट घुटने तक की स्कर्ट के साथ स्टॉकिंग का रिवाज है। आप भी फ्रिली बनने लगी। उन पर लैस का भी प्रयोग किया जाता है। पुरुषों में पैंटस, जींस, हाफ पैंट का चलन है साथ में टीशर्ट या स्लीवलेस टी-शर्ट का फैशन है। ट्राउजर के साथ कलर वाले शर्ट ऑफिसों में पुरुषों में खास पहनावा है। सर्दियों में सूट का भी फैशन हैं। इस प्रकार सदियों पर सदीयां बीतती रही हैं ।  समय तथा युग की मांग तथा अपनी सहूलियत के अनुसार व्यक्ति वस्तु का चलन बदलता है यह सदियों से ऐसे ही चली आ रही परंपरा है। आज के फैशन में हमें देखने को मिलता है पुराने पहनावे को नए रूप में प्रस्तुत करते हैं लोगों के सम्मुख।


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आधुनिक फैशन दृष्टिकोण क्या है?What is the modern fashion approaches?



             Modern fashion approaches 

आधुनिक फैशन दृष्टिकोण क्या है?What is the modern fashion approaches? 

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आधुनिक फैशन वह फैशन है जो अभी तक के फैशन चल रहे हैं तरह-तरह के कपड़े पहनने आदमी हो या औरत शुरू से लेकर अब तक के समय में जिस तरह कोई फैशनेबल वस्त्र धारण करते हैं उसे ही आधुनिक फैशन कहते हैं। फैशन को आधुनिक दृष्टिकोण द्वारा देखा जाए तो आधुनिक फैशन एक तरह का खुला फैशन है। 

                                                       
आज उसी आधुनिक फैशन बारे में जानेंगे। 

आधुनिक फैशन वह फैशन है जिसमे वस्त्र से लेकर सजावट सभी आते हैं। जैसा कि आजकल के समय में फैशन के तौर पर फैशन के तरीके एकदम बदल रहे है। फैशन चाहे जैसा भी हो हेयर स्टाइल हो या फिर कुछ और हो वह दिन प्रतिदिन बदल रहे हैं। तथा इन्ही आधुनिक फैशन व पहनावा की वजह से हमें बहुत कुछ नुकसान होता है। तथा आधुनिक फैशन की वजह से बहुत से लोगों की मानसिक स्थिति भी बिगड़ जाती है तथा फैशन ऐसी प्रक्रिया है जिसे करना सब जानते हैं और करना पसंद करते हैं। फैशन के साथ-साथ आधुनिक दौर में हमें आधुनिक फैशन करना तो चाहिए पर फैशन को अपने ऊपर हावी नहीं

होने देना चाहिए। तथा कई लोग ऐसे भी होते हैं जो फैशन में इतने अंधे हो जाते है । फैशन अपनाते अपनाते वह ऐसा फैशनेबल रूप धारण कर लेते हैं जिससे वह पहचाने भी नहीं जाते कि वह वास्तविक देखने में लड़का है या लड़की खुद को पूरी तरह से बदल लेते हैं। फैशन आधार पर हम सभी जानते हैं कि बहुत सी लड़कियां ऐसी होती हैं जिन्हें लंबे बाल रखना बेहद पसंद होता हैं पर आजकल आधुनिक फैशन के क्षेत्र में हम देख पाते हैं कि लड़के भी लंबे बाल रखने लगे हैं हमें यह मानना चाहिए इस तरह के फैशन कहां तक सही माने जाते हैं।
तथा इसके अलावा हमें आधुनिक दौर में आधुनिक फैशन के रूप में यह देख पाते हैं कि कई लड़कियां, महिलाएं ऐसा फैशन रूप धारण करती हैं जिससे उनके शरीर का प्रदर्शन होता है हम सभी को सोचना चाहिए इस तरह के फैशन की क्या जरूरत है । लड़कियां खुद ब खुद ऐसा प्रदर्शन दिखाती हैं।  जिसे सभी व्यक्ति देखते हैं तथा उसे दिखावे, प्रदर्शन से ही लोगों की मानसिक स्थिति पर बुरा प्रभाव पड़ता है। में यह कहना चाहूंगी कि आधुनिक फैशन के वजह से  पहनावे से, प्रदर्शन से, दिखावे से ही सभी लड़कियां सुरक्षित नहीं रह गई है इसलिए हमें आज के समय में कई तरह के कुकृत्य व दुष्कर्म होते देखने को मिल रहे हैं इस तरह की घटनाएं होने का कारण एक फैशन भी है। वैसे इस तरह के फैशन के अलावा बहुत सी घटनाएं घटती हैं पर हम फैशन को नजरअंदाज भी नहीं कर सकते हैं हम सभी को आधुनिक फैशन के अंधाधुन में अपनी संस्कृति और परंपराओं को नहीं भूलना चाहिए हम सभी को पारंपरिक व संस्कृति से परिपूर्ण वस्त्र धारण करना चाहिए। हम सभी को ऐसा वस्त्र वह हेयर स्टाइल तथा फैशनेबल रूप धारण करना चाहिए जिसे देख लोग सभ्यता के कारण साथ-साथ संस्कृति को भूले ना और संस्कृति पहनावा पर गर्व होना चाहिए कि लोग अपनी संस्कृति व परंपराओं में बना रहे। विदेशी पहनावे को पाश्चात्य संस्कृति को बढ़ावा दे तो यह सही नहीं है।

हमारा मानना यह है कि आधुनिक युग में फैशन करने में मनाई नहीं है पर फैशन में इस तरह डूब जाना कि हमें इसके अलावा अपनी संस्कृति नजर ही ना आए। फैशन करो पर मर्यादा में रहकर फैशन किया जाना चाहिए हमें अपने देश के हिसाब से जीना चाहिए हमारे देश के जो भी पहनावे हो उसी को ही महत्वपूर्ण पहनावा समझना चाहिए व उसी को ही फैशन मानना चाहिए। अब के समय में फैशन इतना आगे की और बढ़ गया है कि उसे रोकना व सही रूप देना असंभव सा लगता है। आधुनिक दौर में आधुनिक फैशन ऐसा फैशन बन गया है जिसे लोग हवस की नजर से देखते हैं लोगों के पहनावे को यदि हम किसी तरह का फैशन करते ही हैं तो हमें फैशन की भूत को अपने दिमाग में नहीं चढ़ाना चाहिए । फैशन एक ऐसा भूत है, जिसकी वजह से बहुत सारे लोगो की जिंदगी बर्बाद हो जाती है तथा लोग फैशन में इतना चूर हो गए हैं कि अपने पैसे को पानी की तरह बहा रहे हैं। देखा जाए तो अब के समय में पुरुषों की अपेक्षा महिलाए, लड़कियो मैं देखने को मिलता है जो छोटे कपड़े पहन शरीर का प्रदर्शन करती है। 


मेरा मानना यह है कि फैशन व्यक्ति करें पर फैशन में इतना ना  डूब जाए खुद को लज्जाहिन महसूस हो। तथा फ़ूहड़ पहनावे के वजह से महिलाएं सुरक्षित नहीं रह गई हैं तथा लज्जा हीन होती जा रही हैं। जहां तक हम सब को देखने में आ रहा है जैसे जैसे पैशन आगे की ओर बढ़ रही है वैसे-वैसे पुरुषों का पहनावा तथा सिर पर लंबे बाल रखने के तरीके  बढ़ती जा रही है। जो वस्त्र धारण कर रहे हैं पुरुष उसकी लंबाई ज्यादा देखने को मिल रहे हैं। ठीक उल्टा लड़कियां महिलाए के पहनावे दिन पर दिन छोटे छोटे होते जा रहे हैं इसमें लज्जा किस में देखने को मिल रही है महिलाओं में अगर लज्जा देखने को मिलती तो सभी महिलाएं ऐसे छोटे छोटे 


वस्त्र पहनकर शरीर का प्रदर्शन नहीं करती होती। कहने का तात्पर्य यह है कि लोग कहते हैं कि कपड़े चाहे जैसा भी पहनो नजर अच्छी होनी चाहिए यह कहां तक सही है। आप फैशन करो ऐसा करो लोग देखने के साथ-साथ तारीफ भी करें ऐसा फैशन अपनाएं जिसे लोग हवस के नजर से नहीं इज्जत के नजर से देखें क्योंकि हम हर लोगों को सिखाते समझाते नहीं रह सकते इसलिए हमें ही अपने पहनावे व फैशन को ऐसे ढंग से प्रस्तुत करना चाहिए कि लोग ऐसी भावना मन में लाए ही नहीं । दूसरे को बदलने से पहले खुद को बदलना चाहिए ।
इन सभी बातों से यह ज्ञात होता है कि आधुनिक दौर मे आधुनिक फैशन को विचित्र न बनाकर संस्कृति रूप देते हुए फैशन करे और फैशनेबल बने । 

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गर्मी के मौसम में कपड़े के रूप में पहनने के लिए हम किस प्रकार के फाइबर का उपयोग करते हैं? What type of FIBRE do we use to wear in summer season as clothes?


                  
                summer season clothes

What type of FIBRE do we use to wear in summer season as clothes?  गर्मी के मौसम में कपड़े के रूप में पहनने के लिए हम किस प्रकार के फाइबर का उपयोग करते हैं?

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गर्मी के मौसम में कपड़े के रूप में पहनने के लिए हम cotton, summer silk, linen, Georgette, sambre , fiber, Denim आदि जैसे कपड़े का उपयोग करते हैं। 

आज हम इन सभी fiber से बना फैब्रिक के बारे में जानेंगे कि गर्मी के मौसम में हमारे शरीर के लिए वरदान साबित होता है। जो हमारे शरीर की रक्षा के साथ-साथ काफी आरामदायक होता है। 
आइए जानते हैं किस प्रकार यह सभी fiber से बना fabric हमारे लिए गर्मी के मौसम में पहनने योग्य माना गया है। 
( cotton, summer silk, linen, Georgette, sambre , fiber, Denim )

Cotton ( कपास ) :-   

Cotton fabric ऐसा fabric है। जो प्राकृतिक रेशे से प्राप्त रेशो से बना फैब्रिक है। जो हमें कपास के बंद कोए से  प्राप्त होते हैं । तथा सूती वस्त्र तैयार करने का बृहद तरीका होता है।  कपास के पौधों से हमें cotton प्राप्त होता है उससे धागे तैयार होते हैं उस धागे से कपड़ा तैयार होता है तथा मार्केट में थान के रूप में प्रस्तुत किए जाते हैं जिससे गर्मी में पहनने योग्य तरह-तरह के वस्त्र तैयार किए जाते हैं। cotton ऐसा fabric होता है जो हमें गर्मी के मौसम में राहत देता है।  तथा कपास से निर्मित वस्त्र हर घर की शोभा होता है शुद्ध कपास के तंतुओं से निर्मित वस्त्र सभी पसंद करते हैं क्योंकि यह बहुत आरामदायक होता है। cotton  कई तरह के होते हैं जो हमें देखने को मिलते हैं जिनका उपयोग गर्मीयो में करते हैं। cotton fabric हमारे शरीर को राहत पहुंचाता है। तथा सूती कपड़ा (cotton) गर्मी के मौसम में पहना जाता है यह हमारे शरीर के पसीने को सोखकर एकदम cool fill कराता है। 

कपास 100% प्राकृतिक फाइबर है। यह कपास के पौधे से आता है यह फैशन उद्योग में उपयोग किए जाने वाले सबसे आम कपड़ों में से एक है सूती कपड़े भी एक उद्देश्य और उपयोग में आसान है यह सांस लेने योग्य वस्त्र होते हैं जिसका अर्थ है कि हवा उनके माध्यम से आगे बढ़ सकती है और नमी वाष्पित हो सकती है तथा साफ करने में आसान और धोने योग्य होते हैं यह नमी को अवशोषित करने के लिए अच्छा होता है और निश्चित रूप से बहुत बहुमुखी है। cotton fabric संवेदनशील त्वचा और एलर्जी वाले बच्चों के लिए उपयुक्त होते हैं। 

विशेष रूप से पहली बार इसका उपयोग करने से पहले भली-भांति धुलने के बाद ही वस्त्र को उपयोग में ले cotton fabric का उपयोग बच्चों के लिए तथा ब्लाउज, स्कर्ट, शर्ट आदि के लिए किया जाता है कपास का सबसे आम इस्तेमाल विभिन्न अन्य वस्तुओं के उत्पादन के लिए होता है। 

Linen (सन) :- 


सन के पौधे से लिनेन बनाया जाता है और यह 100% प्राकृतिक फाइबर होते हैं जो इसे विकसित करने के लिए पर्यावरण के अनुकूल है इसके लिए बहुत ध्यानपूर्वक सिंचाई की आवश्यकता होती है। तथा लिनन फैब्रिक कॉटन फैब्रिक के समान होता है। अर्थात कपास लिनन के गुणों के समान ही है। यह एक बहुत शानदार फीलिंग फैब्रिक होता है जिसका एकमात्र नकारात्मक पक्ष है यह कपड़ा बहुत महंगे मिलते हैं तथा लिनन आमतौर पर शर्ट और घरेलू सामान के लिए उपयोग किया जाता है। लिनन भी कॉटन के समान होता है गर्मी के मौसम में पहना जाने वाला कपड़ा होता है। लिनेन गर्मी के लिए सबसे ठंडा fabric होता है। यह पसीने को सोखकर शरीर को cool रखता है। 

Denim fiber fabric :-- 


Denim शब्द के सबसे प्रतिष्ठित कपड़े मे से एक है।  जिसे आप कहते हैं डेनिम fabric के बारे मे हर कोई जानता है । डेनिम ऐसा फैब्रिक है। 1950 के दशक से चारों और और सब से यह शैली से बाहर नहीं गया यह मुख्य रूप से 100% कपास से बना होता है यार्न डेनिम के कुछ मूल यह है कि यह हल्के से भारी वजन का है यह सांस लेने योग्य है यह टिकाऊ है और यह पानी को सोखने वाला भी है डेनिंग का उपयोग मुख्य रूप से हल्की जैकेट या शर्ट बनाने के लिए किया जाता है। denim का उपयोग jeans, shorts dress, cap, बच्चों के कपड़े के साथ-साथ हेवी ड्यूटी जैकेट बनाने के लिए किया जाता है। Denim के लिए प्रस्तावित सीम एक फाइब थ्रेड ओवरलॉक या स्विच है या आप इसके लिए एक फ्लैट सिम कर सकते हैं। डेनिम फैब्रिक 100% यार्न से बना हुआ होता है। denim fabric light to heavy weight तक होता है। denim fabric पहनने में काफी आरामदायक long-lasting होता है। यह पानी को observe करने वाला फैब्रिक होता है। 

Silk fiber fabric :- 


रेशम एक अभिजात्य वर्ग की पहनने वाला उत्तम क्वालिटी का वस्त्र होता है। रेशम के वस्त्र गर्मियों के मौसम में काफी फायदेमंद होते हैं। तथा सभी silk से बने वस्त्र गर्मियों में उपयोग नहीं करनी चाहिए। सिल्क कई तरह के होते हैं उनमें से कुछ सिल्क ऐसे होते हैं जिनका इस्तेमाल हम गर्मियों के मौसम में करते हैं जो हमारे लिए काफी फायदेमंद होते हैं। सिल्क फैब्रिक ऐसा फैब्रिक होता है । जो कई रूप में देखने को मिलता है। जो हमें रेशम के कीड़ों से प्राप्त होते हैं। ऐसा फैब्रिक है जिसे हर कोई पसंद करता है अति प्राचीन काल में भी अमीर सामंत वर्ग तथा राज घराने के लोग इस वस्त्र का प्रयोग करते थे। जैसा कि हमने जाना सिल्क फैब्रिक कई तरह के होते हैं वैसे सिल्क का इस्तेमाल गर्मियों के मौसम में ज्यादा नहीं करना चाहिए अगर गर्मियों में silk का उपयोग करना चाहते भी हैं तो Sumner silk  का उपयोग करें। 

अभी तक हमने जाना गर्मियों में किस तरह के कपडे़ का  इसका उपयोग करते हैं । गर्मी का मौसम ऐसा होता है जिसमें सभी चाहते हैं कुल दिखने के साथ-साथ फैशनेबल और ऐसा कपड़ा पहने को सोचते हैं जिसमें उन्हें राहत fill हो और खुद को स्टाइलिश भी दिखा सके। 

जैसा की आप लोगों को बताया गया है उन फैब्रिक्स के बारे में जिसे गर्मी के दिनों में इस्तेमाल करते हैं जैसे कॉटन, डेनिम, लिनेन, समर सिल्क, तथा इसके अलावा खादी, शम्बरे आदि ऐसा फैब्रिक है जिसे गर्मियों में पहनने पर राहत व cool fill कराता है। 

Khadi fabric :- 


Khadi fabric ऐसा फैब्रिक होता है जो पसीने को सोख कर शरीर को ठंडक देता है। 

Georgette fabric :- 


Georgette fabric काफी लाइटवेट होता है यह फैब्रिक महिलाओं के लिए ज्यादा सूटेबल और होता है। 

Shambre fabric :- 

डेनिम की तरह दिखने वाला फैब्रिक होता है तथा यह फैब्रिक गर्मियों में एयर कंडीशनर की तरह काम करता है। तथा गर्मियों के मौसम में इन्हीं सब फैब्रिक का इस्तेमाल कर हम तरह-तरह के वस्त्र पहन खुद को cool और फैशनेबल दिखा सकते हैं। 

आज हमने गर्मियों में पहने जाने वाली फाइबर से बने फैब्रिक के बारे में जाना उम्मीद है आप लोगों को पसंद आई हो। लोगो तक share करे। 

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कपड़ा डिजाइनिंग में उपयोग किए जाने वाले सामान्य उपकरण कौन से हैं? What are the common tools used in textile designing?


               textile designe tools 
    
कपड़ा डिजाइनिंग में उपयोग किए जाने वाले सामान्य उपकरण कौन से हैं? What are the common tools used in textile designing?.

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कपड़ा डिजाइन करने के लिए निम्न उपकरणों की आवश्यकता होती है पहले समय से लेकर अब तक हम जितने भी वस्त्र धारण करते हैं सब डिजाइन से भरपूर होता है। कोई भी वस्त्र ऐसा नहीं होता है जो पहचान से अबरूब न हो तथा साधारण से साधारण वस्त्र भी हमें design झलकता है।
कोई भी वस्त्र ऐसा नहीं होता है जिसमें डिजाइन भूमिका ना हो । हमें हर एक ड्रेस में डिजाइन देखने को मिलते हैं और कपड़े डिजाइन करने के लिए कई तरह के उपकरण का उपयोग होता है। 

आइए जानते हैं निम्न उपकरण के बारे में-- 

कपड़ा डिजाइन के लिए जो अलग-अलग तरह के Tools औजार उपयोग में लेते हैं वो इस प्रकार है- 

सबसे पहले Importance of tool ( औजार क्यों जरूरी है। ) जैसे आपको कोई भी काम करना हो या कोई भी चीज ( creat ) बनाना हो कोई Artwork या कोई section है कोई portion हो जैसे मान लीजिए आपको कहीं पर circle creat करना हो या Rectangle चाहिए या design का एक Repit बना लिया उस रिपीट को rectangular Repit  को पहले Diemation के लिए उसके अंदर फिर आप काम ( work)  करेंगे। मान लीजिए motive को large करना हो उसके लिए greads create करनी पड़ती है । तथा इस तरह के कोई भी function आपको करनी है। तो आपको इन tools की जरूरत पड़ेगी कपड़ा डिजाइन के लिए। 

तथा जो measurment कर सके और सभी Arts को create करने में मदद कर सकें। 
तथा डिजाइन में Accuracy लाने के लिए तथा design correct बने उसके लिए tools की आवश्यकता पड़ती है। ताकि जो भी डिजाइन आपको बना रहे हो ।

जैसे:- 
shaps, Elements सही बनी Measurments सही हो इसके लिए अच्छी गुणवत्ता का tools होना  चाहिए इत्यादि। 

जैसें :-- 
कुछ tools ऐसे हैं जो आप लोगों से share करूंगी। 

1. Drawing board :- 


Textile design के लिए Drawing board की आवश्यकता होती है। कलाकारों और इंजीनियरों द्वारा उपयोग किए जाने वाला बड़ा सपाट लकड़ी का बोर्ड। ) होना जरूरी है। 

सबसे पहले एक बड़ा सा large flat surface होनी चाहिए जिसमें हम अपना पेपर फसा सके। जिससे उस पेपर पर आसानी से work कर सके। 

इस type के board engineers drawing  व  Architecture मैं देखने को मिलते हैं। तथा textile design मैं भी इस type के board use कर सकते हैं। जिसमें sheets को fixs कर दें ताकि sheets जो हो work  करते वक्त move ना करें। और यह बोर्ड होते हैं हमारे Tools को sport भी करते हैं। कुछ tools इसकी मदद से use भी की जाती है । 

जैसे:- Drawing sheet paper को fixs कर दीया जाता है। इसमें किसी क्लिप से या corner पर छोटे छोटे selotap Attach कर देते हैं । इससे पूरा Art work काम करने के दौरान हमारी जो sheets मैं बिल्कुल भी move ना करें। ड्राइंग के लिए समर्थन उपकरण और यह जो बोर्ड है यह हमारे tools को sport करेगा इसकी मदद से हम कुछ tools को use करते हैं। 

(2) Drawing compas :- 


💐  दी गई त्रिज्या का वृत्त खींचने के लिए उपयोग करें
💐 Needed tip is pieced ares create marks.
💐 पेंसिल का अंत कागज पर गोलाकार बनाता है।
     इसकी मदद से तरह तरह के नमूने design कर सकते हैं 
       
(3) T- square :-- 


(4)  Set squares :



कुछ नमूने  बनाने के लिए इन वर्गों का उपयोग किया      जाता है अभयानिष्ट कोण। 

15degree, 30degree, 45degree, 75degree, 90degree, 120 degree, 135 degree, 
Can be made by different combinations. 

नोट :- T square और Set Square  का use करके perilla lines खीचीं  जा सकती है । 

Drawing lines at angles :- 


तथा कोई भी  lines खींचनी है तो T- square और set square का उपयोग करेंगे । 

(4) French curves :- 



French curves ज्यादा महत्वपूर्ण है Textile डिजाइन के लिए। 
इसमें curvecher lines होती है उनको जब free hands से sketch करते हैं।  वो smooth create नहीं होती मतलब perfect line नहीं बनते हैं या कोई व्यक्ति ऐसे होते हैं जो free hand sketch  बहुत अच्छे Art work create नहीं कर पाते हैं। तो  मदद करने के लिए French curves का इस्तेमाल करते हैं। जितनी घुमावदार रेखा खींचने के लिए उपयोग किया जाता है। इस वक्त में अलग-अलग त्रिज्या घुमावदार है यह सतह प्रकाश से मुक्त हस्त रेखा चित्र बनाएं हाथ या बिंदु लगाएं जिसके माध्यम से आप एक घुमावदार रेखा खिचनी चाहते हैं। )

(5) Making smooth curve using French curves :-- 


से मेल खाने वाले फ्रेंच करव का पता लगाएं वे बिंदु स्केच और घुमावदार रेखा खींचते हैं। कम से कम तीन बिंदुओं का मिलान होना चाहिए विभिन्न मोड़ो के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। यह बहुत ही महत्वपूर्ण Tools होता है। डिजाइन एक Technical work है। कोई जरूरी नहीं है कि कोई बहुत अच्छा Artist हो तभी designer बनेंगे  design का जो work है।  वह हम Tools की मदद से Textile कर सकते हैं। तथा जितनी curves line होती है वह सब French curve से create किया जाता है। 

(6) Ruling pen or liner :-  


सीधी लाइन खिचंनी हो कहीं पर जैसे बॉर्डर है या डिजाइन में ही हमें सीधी लाइन खींचने हो तो हम पेंसिल या कलर से सीधी लाइन खींचते हैं तो हम Ruling pen का उपयोग करते हैं। गिले पेंट के साथ रेखा खींचने के लिए उपयोग किया जाता है। गिले पेंट बंद पर्याप्त चिपचिपाहट भर जाता है गेप में  पेंट ब्रश की मदद से घुंडी का उपयोग कर पतलेपन की रेखा को समायोजित  करने के लिए किया जाता है। फिर इसका उपयोग रेखाएं खींचने के लिए कलम के रूप में किया जाता है उपयोग या पैमाने। 

हमने जाना कपड़ा डिजाइनिंग में उपयोग किए जाने वाले सामान्य उपकरण के बारे में उम्मीद है। आप सभी लोगों को पसंद आई हो । 

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धन्यवाद 🙏





 


 





  







 

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