What is Laundry ? धुलाई कला क्या है?

 
                             Laundry

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What is Laundry ? धुलाई कला क्या है? 

🐬लॉन्ड्री से तात्पर्य कपड़ों और अन्य वस्त्रों की धुलाई से है,और अधिक व्यापक रूप से, उनको सुखाने और स्त्री करना भी ( laundry refers to the washing of clothing and other textile and, more broadly, their drying and ironingas well) 

आज हम जानेंगे धुलाई कला (Laundry) के बारे में तथा laundry का फैशन से क्या संबंध है तथा धुलाई का क्या भूमिका है : 

🐋हम सब जानते हैं की धुलाई हमारे जीवन में कितना महत्व रखता है चाहे वह किसी भी चीज की धुलाई ही क्यों ना हो जैसे कपड़े की धुलाई, घरों के धुलाई आदि तथा हम से जुड़ी बहुत सी चीजें ऐसी होती है जिसको धुलाई की आवश्यकता पड़ती है। धुलाई एक ऐसी प्रक्रिया है इससे हमारे शरीर के साथ-साथ मस्तिष्क की भी रक्षा होती है। और हम यह भी जानेंगे कि धुलाई का फैशन से क्या संबंध है। धुलाई चाहे कैसी भी हो सुखी या गिली धुलाई का हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण  है । फैशन से कहने का तात्पर्य है कि जिस प्रकार हमारे जीवन में फैशन की भूमिका उच्च श्रेणी मैं है उसी प्रकार धुलाई की भूमिका उच्च श्रेणी में हैं। क्योंकि धुलाई प्रक्रिया से ही हम अपनी फैशन को उजागर करते हैं और लोगों के सम्मुख प्रस्तुत करते हैं। फैशन में बहुत कुछ आते हैं फैब्रिक, क्लॉथ,टेक्सटाइल सभी के लिए धुलाई की आवश्यकता पड़ती है। 🐬

आईए जानते हैं धुलाई ( Laundry) के बारे में मुझे उम्मीद है कि आप सभी को हमारे द्वारा दी गई सूचना अच्छी लगी हो 

            धुलाई क्या है, तथा धुलाई के उपकरण
  ( what is Laundry and its Equipments)

🐋धुलाई कला :-- 

सभी वस्त्रों से शरीर की रक्षा होती है धारण करने पर वस्त्र गंदे भी होते हैं । उनको साफ करने की जिम्मेदारी भी गृहणी की ही होती है। अतः किस वस्त्रों को किस प्रकार से धोना चाहिए इस विषय की जानकारी सभी को होनी चाहिए कहने का तात्पर्य यह है कि -

" laundering means removing the dirt from clothes by washing and then finishing ( i.e. , starching , ironing etc.), thereby giving them a neat and clean appearance." 

महंगी वस्त्र हो या सस्ते हो, उनकी कार्यक्षमता, टीकाऊपन, सुंदरता, ताजगी, तथा नवीनता को प्रभावित किए बिना ही वस्त्रों की धुलाई होनी चाहिए धुलाई करने से जिन बातों का नियमों का ध्यान रखना चाहिए वह निम्नलिखित हैं:

 गंदगी को दूर करना ( To clean the dirtyness) :

पहला उद्देश्य यही होना चाहिए कि उचित तरीके से वस्त्र की वयनशैली, रंग या प्रिंट को प्रभावित किए बिना ही उसकी गंदगी दूर होनी चाहिए। ताकि दोबारा पहनने पर  वस्त्र खराब प्रतीत ना हो। वस्त्र को अधिक गंदा भी नहीं करना चाहिए, नहीं तो उसकी गंदगी को हटाने के लिए रगड़ना,पिटना करना होगा जिससे वस्त्र के रेशे खराब होने का भय रहेगा। 

वस्त्रों में प्रयोग किए जाने वाले अपमार्जको की जानकारी ( Knowledge about detergents for washing clothes ) :--

वस्त्रों को भलीभांति साफ करने के उद्देश्य से सफाई में प्रयोग किए जाने अपमार्जकों के विषय में यह पता होना चाहिए किन वस्त्रों पर कौन सा अपमार्जक प्रयोग करने से वह ठीक रहता है। जैसे क्षारयुक्त साबुन सिल्क व ऊन पर ठीक नहीं रहतें अर्थात वस्त्र को बुरी तरह बिगाड़ देते हैं तथा सूती वस्त्रो मैं भी अलग-अलग श्रेणियां होती है। हर एक वस्त्र पर हर एक साबुन प्रयोग नहीं किया जा सकता है। अतः वस्त्र के रेशों में बेकार ना होने पाए। ऐसा ही प्रयत्न करना चाहिए। 

दाग धब्बों को छुड़ाने वाले प्रतिकर्मको की जानकारी ( Removal of stains ) :--

अलग-अलग रेशों से निर्मित वस्त्रों का घरों में, होटलों में प्रयोग होता है और उन पर अलग-अलग धब्बे भी प्रयोग के समय लगते रहते हैं किंतु सब पर एक ही प्रतिकर्मक प्रयोग नहीं किया जा सकता है एक ही प्रतिकर्मक की हर वस्त्र पर अलग-अलग प्रतिक्रिया होती है । अतः उन दाग धब्बों को पहचाने कि वह किस वर्ग के हैं तथा उस हिसाब से ही प्रतिक्रमण का चुनाव करना चाहिए। 

वस्त्रों की छटाई ( Separation of cloths ) :--

छटाई का आधार निम्नांकित होना चाहिए--
  1. वर्ग एवं किस्म के अनुसार
  2. बनावट के अनुसार
  3. हल्के गहरे रंग के अनुसार
  4. पक्के व कच्चे रंग के अनुसार
  5. गंदगी की मात्रा के अनुसार
  6. गंदगी की किस्म के अनुसार
इस प्रकार सूती,रेशमी व ऊनी सभी प्रकार के वस्त्रों को उनकी बनावट ( structure) के आधार पर अलग कर लेना चाहिए। इसमें गहरे और हल्के रंग वाले तथा सफेद वस्त्रों को अलग अलग रख लेना चाहिए। साथ ही यह भी देखें कि जो कच्चे रंग के कपड़े हो उन्हें अलग करके धुले। जो रसोई के डस्टर, झाड़न हैं, उनको पहनने वाले वस्त्रों के साथ ना मिलाएं क्योंकि रसोई के डस्टर आदि में चिकनाईमसालों की गंद बसी हुई होती है जो कि अन्य पहनने के परिधान में समा जाने से अच्छी नहीं लगती है।

धुलाई की विधियां ( Methods of laundry ) :--

कोई वस्त्र किसी विधि से तथा कोई किसी विधि से धोया जाता है। किसी को रगड़ कर किसी को दबाकर किसी को पीट सर धोया जाता है जैसा फैब्रिक है वैसी धुलाई जितना गंदा है उस पर वैसे ही धुलाई प्रक्रिया अपनाई जाती है। वरना वस्त्रों की वयम शैली प्रभावित होती है। 

दाग धब्बों को छुड़ाना ( Stain removal ) :--

सर्वप्रथम वस्त्रों में जो दाग धब्बे लगे हो उनकी वर्ग पहचान करें फिर उस पर प्रतिक्रमक का प्रयोग करें। अन्यथा यदि पहले धोएंगे तो वह दाग धब्बे और भी पक्के हो जाएंगे। सदैव प्रतिक्रमक के तनु (हल्के) घोल में ही वस्त्र को डालें ताकि वस्त्र पर प्रतिक्रमांक कि किसी भी प्रकार की विपरीत प्रतिक्रिया ना होने पाए ।

फटे पुराने की मरम्मत करना ( Repair of cloths) :--

यदि वस्त्र पहनने पर कहीं कील में या किसी वस्तु में फसकर उलझ कर फट गया है तो धोने से पूर्व उसकी मरम्मत करें क्योंकि यदि बिना मरम्मत करें धोएंगे तो वह और भी अधिक फट जाएगा और फटा हुआ तेढ़ा मेढ़ा भी हो जाएगा जिसमें श्रमसमय दोनों ही अधिक लगेंगे।

सजावटी ट्रेनिंग को उतारना ( To separate the trimming material) :--

धोने से पूर्व यह भी जानना आवश्यक है कि जो ट्रीमिंग्स वस्त्र से उतारने लायक हो उन्हें पहले ही उतार कर रख लें। फिर वस्त्र को धोकर उन्हें प्रेस कर ले तथा बाद में उन सब फिटिंग्स  अपने स्थान पर लगा ले। 

इसी प्रकार वस्त्रों की जेबें खाली कर लें। सब सामान हटा दें अन्यथा उनके रंग भी खराब हो जाएगी। उनकी परिसज्जाएं भी खराब न हो पाएं यह भी ध्यान रखना चाहिए। कुछ वस्त्र केवल पानी में डुबोंए और पानी में से दो या तीन बार निकाल कर सुखाने के लिए डाल दें। उन्हें वैसे ही धुले अधिक देर तक ना डुबोंए । इसके उपरांत सब धुलाई की सामग्री व धुलाई के उपकरणों का प्रबंध करें। वस्त्रों को धोकर उन्हें सुखाने का प्रकार से प्रबंध करें। जैसे अलगनी (cloth line ), हैंगर रस्सी, डोरी जो बिछाकर सुखाने वाले वस्त्र हो जैसे ऊनी या कोई निटिंड वस्त्र को भी लटकाते नहीं है। चिमटीयां भी पास में रखना जरूरी है। खाट पर कोई सफेद वस्त्र बिछाकर उस पर यह सुखाने वाले वस्त्र बिछा दें। हवा चारों ओर से आनी चाहिए। शुद्ध जल भी धोने के लिए होना चाहिए। इस प्रकार उचित विधि, उचित रसायन, साफ शुद्ध जल तथा धुलाई के सारे उपकरण पास में होने चाहिएं। ताकि धुलाई आसानी से, ठीक प्रकार से हो सके। इसके उपरांत धुले हुए वस्त्रों पर आराम से आयरन करके उन्हें नया रूप देने का यत्न करना चाहिए। 

आज हमने जाना धुलाई ( Laundey) कला क्या है, तथा धुलाई का हमारे जीवन में क्या महत्व है, मुझे उम्मीद है आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो। 

Laundry and its Equipments)
धुलाई के उपकरण के उपकरण के बारे में जानने के लिए मेरे पेज को फॉलो करें । 

(Laundry and its Equipments) धुलाई के उपकरण के बारे में जाने के लिए इस link पर click करे 👇

Part -1):


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