Fashionable Costumes from medieval period till Today. मध्यकालीन युग से आज तक के फैशनेबल वस्त्र।

   

    Medieval Fashionable Costumes  

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Fashionable Costumes from medieval period till Today.  मध्यकालीन युग से आज तक के फैशनेबल वस्त्र।


🌿सभ्यता के विकास के साथ ही साथ वस्त्रों के फैशन में भी आश्चर्यजनक परिवर्तन व उन्नति हुई। यह परिवर्तन या फैशन 400 B.C. (before christ से माना जाता है। उसी युग में प्राचीनतम वस्त्र विज्ञान की धारा में एक परिवर्तन हुआ जिसे मध्यकालीन युग के फैशन में एक नई शुरुआत मानी जाती है। उस काल में स्त्री पुरुष दोनों ही डबल ट्यूनिक ड्रेस ( double tunic dress ), शमीज ( under tunic chamise) जिसकी लंबी बाजू तथा हाईनेक होता था पहना करते थे । ऊनी ओवर ट्यूनिक भी होती थी, जिसकी बाजुए ढीली होती थीं, जिसका प्रयोग सर्दियों में किया जाता था।


🌿12वीं सदी में एक खास तरह की (fine fabric)पूर्वी देशों से आई थी, उससे यूरोप में बहुत उच्चस्तर, elegant पोशाकें ( dresses) बनाए जाने लगीं। इस समय में भिन्न भिन्नप्रकार से बेसिक गारमेंट्स (garments) को काट छांट कर एक नए फैशनेबल स्टाइल के वस्त्र बनाए जाने लगे। इस समय तक long tunic को (coat) कहां जाने लगा था। जिसे शमीज के ऊपर स्त्री-पुरुष दोनों ही पहनते थे। इस कोट के ऊपर एक fur-coat भी पहना जाता था जो बिना बाजू का बड़े Armhole का बनता था 13वीं शताब्दी में कपड़ों की उचित सेटिंग्स पर विशेष ध्यान दिया जाने लगा जिसमें सिलाई टेलरिंग (tailoring) का योगदान अधिक होने लगा था। अब ड्रेसेस ( dresses) मैं बटनों का भी प्रयोग होने लगा था। जिससे वस्त्रों की सजावट ऐसी होती थी कि मानो आभूषण धारण किए हुए हों।  इस काल में समीज के ऊपर बेल्ट वाला फिट कोट और घुटने तक की स्कर्ट्स (skirts) का रिवाज शुरू हो गया था। 1350 ई० में पहली बार ओवर कोट में कॉलर लगाया गया था।🌿


🌿महिलाओं के लिए शमीज के ऊपर एक गाउन का प्रचलन हुआ, जिसकी 'V' shape की neck थी और कमर में टाइट करने के लिए इलास्टिक के सामान चौड़ी बेल्ट लगाई जाती थी। जैसा की चित्र में स्पष्ट है। इस पोशाक की ( hanging sleeves) होती थीं। और प्रायः यह ड्रेस नुकीली नोक वाले जूतों के साथ पहनी जाती थी।🌿

🌿धीरे-धीरे समय के हिसाब से फैशन बदलता रहा 15वीं शताब्दी में पुरुषों के कपड़े चौड़े चौड़े, Square Shoulder वाले तथा puff sleeve वाले बनने लगे थें। औरत के square neck gown , आगे की और चोली का भाग लेस से युक्त तथा प्लेटेड स्कर्ट के रूप में बनाए जाते थे। आगे से स्कर्ट का भाग खुला रखते थे ताकि नीचे पहना हुआ सजावटी सुंदर पेटिकोट दिखाई देता रहे । प्रायःअभिजात्य वर्ग के लोगों में यह फैशन चलता था। 🌿

                             

🌿17वीं शताब्दी में फैशन का रूप और भी बदला आदमी अधिकतर ब्रिटिस के रूप में पेंट पहना करते थे। जो घुटने से नीचे तक होती थीं और अपनी लंबाई तक आने पर मोहरी को पतली सी बेल्ट से कस दिया जाता था।  इसके साथ ऊंचे वाले जूते तथा चौड़ी गिरती हुई लेस या लिनन के कॉलर व कफ वाली ड्रेस ड्रेप शेप में होती थी। 🌿

🌿औरतों के कॉस्ट्यूम्स में बाजू में पारदर्शी होती थी तथा गले गहरे डीप नेक (deep neck) बनाए जाते थे। Bodice की  finishing बड़े चौड़े कॉलर से की जाती थी जो कि गोल होते थे तथा पिछले भाग को स्पर्श करते थे। उनकी स्कर्टस (skirt) फ्लेयर्ड (flaired) तथा प्लेटेड तथा झालर वाली होती थीं। उसी में रिब्बन, पंखों के काम के द्वारा सजावट की जाती थी।🌿


🌿18वीं शताब्दी में फ्रांस संसार का costume center बनकर उभर कर दुनिया के सामने आया। इस समय तक सिर पर बिग के रूप में सजावट करने का तथा कढ़ाई करने का काम भी शुरू हो गया था जिससे कि महिलाओं के वस्त्रों की सजावट को नया रूप मिला। इस समय औरतें अपने अंदर के कपड़ों में pointed bodice तथा टाइट (tight) लेस वाले वस्त्र, गर्दन पर त्रिकोणीय स्कार्फ और कोहनी तक बाजुए जो की झालर वाली होती थी, का प्रयोग करती थी। 20वीं सदी में औरतों की टांगों का खुला प्रदर्शन फैशन में आ गया था। इस समय मैचिंग का बहुत शासन हो गया था जूते व कपड़ों के रंग एक जैसे लिए जाने लगे थे नाइट गाउन में पजामा व टॉप का फैशन बदल दिया था पुरुषों में स्पोर्ट्स(sports wear) का शौक शुरु हो गया था open neck shirts तथा trousers मैं कफ तथा crease का भी फैशन आ गया था। 🌿

             

🌿21वीं सदी जो कि आज चल रही है इस समय मिनी स्कर्ट्स, घुटने तक की स्कर्ट्स के साथ स्टॉकिंग का रिवाज है। टॉप भी frilly बनने लगे हैं। उन पर लेस का भी प्रयोग किया जाता है। पुरुषों में पैंट्स जींस हाफ पैंट का चलन है, साथ में टी-शर्ट्स या स्लीवलैस टी-शर्ट का फैशन है। ट्राउजर के साथ कलर वाले शर्ट ऑफिसों में पुरुषों का पहनावा है  सर्दियों में सूट का भी फैशन है। 🌿


🌿इस प्रकार सदियों पर सदियां बीतती रहीं और फैशन बदलते रहे। समय तथा युग की मांग तथा अपनी सहूलियत के अनुसार व्यक्ति वस्त्रों का चरण बदलता है यह सदियों से ऐसे ही चली आ रही है परंपरा है। आज तक के फैशनेबल वस्त्र कई तरह के देखने को मिलते हैं। तथा फैशन की दुनिया इतना आगे है सभी डिजाइंस को लेकर सभी पोशाको को लेकर के दुनिया मेंं होड़ सी मची है। फैशन सिर्फ पोशाक को लेकर ही संबंधित नहींं है बल्कि हमारे आर्थिक जीवन व पर्सनालिटी को भी प्रभावित करती है। सिर्फ सुंदर कपड़ा पहनना ही फैशन नहीं हैं बल्कि फैशन वो है जो हमारे हाव -भाव , वस्त्र , केश- विन्यास, आभूषण पहनना आदि सबकुछ फैशन मैंं ही शामिल होता है। 🌿

🌿मुख्य रूप से वस्त्रों के स्टाइल डिजाइन वस्त्रों की बनावट, रंग इत्यादि विशेष रुप से वस्त्र विज्ञान में आते हैं और इस फैशन को समाज का प्रत्येक व्यक्ति अपनी अपनी नजर से निम्न प्रकार से देखता है महसूस करता है तथा उसके विषय में अपने विचारों को व्यक्त करता है। 🌿

🌿फैशन से संबंधित अलग-अलग विचार धाराएं होती हैं लोगों के मन में उन्हीं अनुसार वह अपने विचारों को व्यक्त करते हैं जैसे--

  1. मनोवैज्ञानिक
  2. समाजशास्त्री
  3. अर्थशास्त्री
  4. मार्केट
  5. फिल्मकार।  
तथा मनोविज्ञान के आधार पर अपने को सुंदर सर्वश्रेष्ठ समझने की और उस भाव को व्यक्त करने की मन की चाहत को औरों के सम्मुख प्रकट करना ही फैशन है। 🌿

🌿समाजशास्त्री के आधार पर यह समाज की एक स्वाभाविक प्रक्रिया है जिस को व्यक्त करने का सबसे आसान ही एक विशेष धर्म होता है इसको कोई बोलचाल से कोई हाव भाव से कोई श्रृंगार से तो कोई वस्त्र आभूषण द्वारा व्यक्त करता है उसे फैशन कहते हैं।🌿

🌿अर्थशास्त्री के आधार पर समाज में स्वयं को एक नए रूप में लाकर प्रकट करना ही फैशन कहलाता है। और व्यक्ति चाहे तो बिना सजावट के ही परिवर्तन कर स्वयं को अपने कार्य द्वारा भी फैशनेबल बने दिखा सकता है यह भी फैशन से  सम्मिलित किया जा सकता है।🌿

🌿आज शासन इतना आगे बढ़ गया है कि बाजार को तो कुछ ना कुछ नया दिखाना होता है यह पुरानी वस्त्रों को भी ऐसे रूप से पेश करते हैं या उनका रूप परिवर्तित करके जनता के सामने प्रस्तुत करते हैं कि कहने में या आता है कि आजकल का फैशन यही है।🌿

🌿फिल्मकार में क्या होता है आजकल कितनी ही फिल्में बनने लगी है और देखने वाली जनता हैं यदि वे हर फिल्म में एक जैसी सजावट ड्रेस श्रृंगार देखेंगे तो जनसाधारण देख कर थक जाएंगे फिल्में नहीं चल सकेगी। कुछ परिवर्तन प्राचीन काल से अब तक चलते आ रहे हैं और परिणाम तक फिल्मकारों के कार्य प्रसाधनों के द्वारा दिन प्रतिदिन नए फैशन आते जा रहे है। और पापुलैरिटी भी प्राप्त करते हैं।

🌿इस प्रकार भिन्न भिन्न समाज के व्यक्तियों के द्वारा फैशन से संबंधित विचार कि जाने के उपरांत मन में यह प्रश्न उठता है कि समय-समय पर वेशभूषा की जो तौर तरीके बदलते रहते हैं आखिर क्यों बदलते हैं।🌿

🌿इस प्रकार हमने जाना कि मध्यकालीन युग मैं स्त्रियों व पुरुषों की वेशभूषा कैसी थीं,और आज कैसी हैं। तथा  हमनेेेेे जाना की मध्यकालीन युग से लेकर के अब तक के फैशन में कितने परिवर्तन हो चुके हैं,  समय तथा युग की मांग तथा अपनी सहूलियत के अनुसार व्यक्ति वस्त्रों का चलन बदलता है।  यही परंपरा है कि यह सदियों से चलती आ रही है। तथा मध्यकालीन युग से आज तक के समय में ड्रेस को कैसे बदला गया कैसे-कैसे परिवर्तन होता गया और आज फैशन में हुए बदलाव देखने को मिलता है और आगे भी मिलता रहेगा। 🌿

इस आर्टिकल में हमने जाना मध्यकालीन युग में स्त्रियां व पुरुषों के वस्त्रों के बारे में जाना की उनकी वेशभूषा कैसी थी।।
तथा फैशन के बारे में जानने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें👇


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